Tuesday 19 September 2017

कलौंजी – मौत को छोड़कर बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज कर सकती है

कलयुग में धरती पर संजीवनी है कलौंजी, अनगिनत रोगों को चुटकियों में ठीक करता है
कलौंजी का इतिहास बहुत पुराना है। सदियों से कलौंजी का प्रयोग एशिया, उत्तरी अफ्रीका और अरब देशों में मसाले व दवा के रूप में होता आया है। आयुर्वेद और पुराने इसाई ग्रंथों में इसका वर्णन है। ईस्टन के बाइबल शब्दकोश में हेब्र्यू शब्द का मतलब कलौंजी लिखा गया है। पहली शताब्दी में दीस्कोरेडीज नामक यूनानी चिकित्सक कलौंजी से जुकाम, सरदर्द और पेट के कीड़ों का उपचार करते थे। उन्होंने इसे दुग्ध वर्धक और मूत्र वर्धक के रूप में भी प्रयोग किया। रोम में इसे 'पेनासिया’ यानी हर मर्ज की रामबाण दवा माना जाता है।कलौंजी के बीजों का सीधा सेवन किया जा सकता है।एक छोटा चम्मच कलौंजी को शहद में मिश्रित करके इसका सेवन कर सकते हैं।पानी में कलौंजी उबालकर छान लें और इसे पीएं।दूध में कलौंजी उबालें। ठंडा होने दें फिर इस मिश्रण को पीएं।कलौंजी को ग्राइंड करें तथा पानी तथा दूध के साथ इसका सेवन करें।कलौंजी को ब्रैड, पनीर तथा पेस्ट्रियों पर छिड़क कर इसका सेवन करें ! 
रोगो मे सहायक -----
टाइप-2 डायबिटीज--प्रतिदिन 2 ग्राम कलौंजी के सेवन के परिणामस्वरूप तेज हो रहा ग्लूकोज कम होता है। इंसुलिन रैजिस्टैंस घटती है,बीटा सैल की कार्यप्रणाली में वृद्धि होती है तथा ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन में कमी आती है।

क्रम रोग का नामउपचार
1कैंसरकैंसर के उपचार में कलौंजी के तेल की आधी बड़ी चम्मच को एक गिलास अंगूर के रस में मिलाकर दिन में तीन बार लें। लहसुन भी खुब खाएं। 2 किलो गेहूँ और 1 किलो जौ के मिश्रित आटे की रोटी 40 दिन तक खिलाएं। आलू, अरबी और बैंगन से परहेज़ करें।
2खाँसी व दमाछाती और पीठ पर कलौंजी के तेल की मालिश करें, तीन बड़ी चम्मच तेल रोज पीयें और पानी में तेल डाल कर उसकी भाप लें।
3अवसाद और सुस्तीएक गिलास संतरे के रस में एक बड़ी चम्मच तेल डाल कर 10 दिन तक सेवन करें। आप को बहुत फर्क महसूस होगा।
4स्मरणशक्ति और मानसिक चेतनाएक छोटी चम्मच तेल 100 ग्राम उबले हुए पुदीने के साथ सेवन करें।
5मधुमेहएक कप कलौंजी के बीज, एक कप राई, आधा कप अनार के छिलके और आधा कप पितपाप्र को पीस कर चूर्ण बना लें। आधी छोटी चम्मच कलौंजी के तेल के साथ रोज नाश्ते के पहले एक महीने तक लें।
6गुर्दे की पथरी और मूत्राशय की पथरीपाव भर कलौंजी को महीन पीस कर पाव भर शहद में अच्छी तरह मिला कर रख दें। इस मिश्रण की दो बड़ी चम्मच को एक कप गर्म पानी में एक छोटी चम्मच तेल के साथ अच्छी तरह मिला कर रोज नाश्ते के पहले पियें।
7उल्टी और उबकाईएक छोटी चम्मच कार्नेशन और एक बड़ी चम्मच तेल को उबले पुदीने के साथ दिन में तीन बार लें।
8हृदय रोग, रक्त चाप और हृदय की धमनियों का अवरोधजब भी कोई गर्म पेय लें, उसमें एक छोटी चम्मच तेल मिला कर लें, रोज सुबह लहसुन की दो कलियां नाश्ते के पहले लें और तीन दिन में एक बार पूरे शरीर पर तेल की मालिश करके आधा घंटा धूप का सेवन करें। यह उपचार एक महीने तक लें।
9सफेद दाग और कुष्ठ रोग15 दिन तक रोज पहले सेब का सिरका मलें, फिर कलौंजी का तेल मलें।
10कमर दर्द और गठियाहल्का गर्म करके जहां दर्द हो वहां मालिश करें और एक बड़ी चम्मच तेल दिन में तीन बार लें। 15 दिन में बहुत आराम मिलेगा।
11सिर दर्दमाथे और सिर के दोनों तरफ कनपटी के आस-पास कलौंजी का तेल लगायें और नाश्ते के पहले एक चम्मच तेल तीन बार लें कुछ सप्ताह बाद सर दर्द पूर्णतः खत्म हो जायेगा।
12अम्लता और आमाशय शोथएक बड़ी चम्मच कलौंजी का तेल एक प्याला दूध में मिलाकर रोज पांच दिन तक सेवन करने से आमाशय की सब तकलीफें दूर हो जाती है।
13बाल झड़नाबालों में नीबू का रस अच्छी तरह लगाये, 15 मिनट बाद बालों को शैंपू कर लें व अच्छी तरह धोकर सुखा लें, सूखे बालों में कलौंजी का तेल लगायें एक सप्ताह के उपचार के बाद बालों का झड़ना बन्द हो जायेगा।
14नेत्र रोग और कमजोर नजररोज सोने के पहले पलकों ओर आँखो के आस-पास कलौंजी का तेल लगायें और एक बड़ी चम्मच तेल को एक प्याला गाजर के रस के साथ एक महीने तक लें।
15दस्त या पेचिशएक बड़ी चम्मच कलौंजी के तेल को एक चम्मच दही के साथ दिन में तीन बार लें दस्त ठीक हो जायेगा।
16रूसी10 ग्राम कलौंजी का तेल, 30 ग्राम जैतून का तेल और 30 ग्राम पिसी मेहंदी को मिला कर गर्म करें। ठंडा होने पर बालों में लगाएं और एक घंटे बाद बालों को धो कर शैंपू कर लें।
17मानसिक तनावएक चाय की प्याली में एक बड़ी चम्मच कलौंजी का तेल डाल कर लेने से मन शांत हो जाता है और तनाव के सारे लक्षण ठीक हो जाते हैं।
18स्त्री गुप्त रोगस्त्रियों के रोगों जैसे श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर, प्रसवोपरांत दुर्बलता व रक्त स्त्राव आदि के लिए कलौंजी गुणकारी है। थोड़े से पुदीने की पत्तियों को दो गिलास पानी में डाल कर उबालें, आधा चम्मच कलौंजी का तेल डाल कर दिन में दो बार पियें। बैंगन, आचार, अंडा और मछली से परहेज रखें।
19पुरूष गुप्त रोगस्वप्नदोष, स्तंभन दोष, पुरुषहीनता आदि रोगों में एक प्याला सेब के रस में आधी छोटी चम्मच तेल मिला कर दिन में दो बार 21 दिन तक पियें। थोड़ा सा तेल गुप्तांग पर रोज मलें। तेज मसालेदार चीजों से परहेज करें।

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